सुप्रसिद्ध स्वयंभू शिवलिंग श्री जालेश्वर महादेव धाम ग्राम डोगरिया कला के समीप छत्तीसगढ़ के लघु काशी के नाम से जाना जाने वाल न.पं. पाण्डातराई में जनभावनाओं के अनुरूप दिनांक 28/06/2011 को शासकीय नवीन महाविद्यालय पाण्डातराई अस्तित्व में आया। प्रारम्भ में इसका संचालन शास. कन्या उ.मा. विद्यालय पाण्डातराई के नये भवन से किया जाता रहा। तत्पश्चात दिनांक 22/02/2015 को इसे भव्य नवनिर्मित भवन में स्थानांतरित किया गया। पहले महाविद्यालय पं. रविशंकर शुक्ल वि.वि. के अंतर्गत आता था मगर दुर्ग वि.वि. के बनने के बाद अब ये उसके अंतर्गत आता है।
इस महाविद्यालय को दिनांक 08/08/2017 को 2()ि का प्रमाण पत्र मिला तथा दिनांक 03/08/2018 को तीन विषयों - रसायन शास्त्र, हिन्दी साहित्य एवं समाज शास्त्र में स्नातकोत्तर कक्षाएं संचालित करने की अनुमति मिली। दिनांक 06/10/2018 को इसका नामकरण अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय महाविद्यालय पाण्डातराई, के रूप में कर दिया गया ।
दिनांक 04/09/2019 को इसे स्नातक स्तर पर वि.वि. से स्थाई संबंद्धता एवं स्नातकोत्तर स्तर पर अस्थाई संबद्धता मिली। महाविद्यालय मे सन 2018 से एन.एस.एस. की इकाई संचालित हो रही है। तथा इसी सत्र से एन.सी.सी. की एक इकाई संचालन की अनुमति मिल गई है। महाविद्यालय में विगत 5 वर्षो से पं. सुन्दर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय छ.ग. बिलासपुर के अध्ययन केंद्र का सफल संचालन किया जा रहा है। ये महाविद्यालय प्राचार्य के कुशल संचालन तथा लगनशील अधिकारी व कर्मचारियों के सहयोग एवं साहचर्यता के उत्तरोत्तर अपने संस्कार रोपण एवं ज्ञान दान की राह पर अग्रसर है।